October 29, 2023 ‘माँ’ दिल छू जाने वाली एक शानदार रचना कुमारी कीर्ति अमृता आशा कुछ तो सोचा होगा ईश्वर ने सृस्टि के सृजन को यु ही नहीं बनाया होगा उन्होंने माँ को, जन्म देने धरा पे नये जीवन को…
October 23, 2023 मेरे तरफ देखो बस तन्हा और तनहाई है। अंकित कैसी ये बेवफाई, कैसी ये रुसवाई है,मेरे तरफ देखो, बस तन्हा और तनहाई है,ना अपने, अपने हो सके कभी,देखे थे जो ख्वाब हम दोनों…
October 15, 2023 रोज मर्रा के काम से थक हार जब घर लौट आता है रोज मर्रा के काम से थक हार जब घर लौट आता है,भूख प्यास से निराश चेहरेबच्चों का देख..खुद निराश हो जाता है। एक पिता…
October 15, 2023 मैं हार जाऊँगी ये कैसे मान लिया तुमने कुमारी किर्ती अमृता आशा तकलीफों का है सैलाब अगर जिंदगी में तो क्या हुआ मैं हार जाऊँगी कैसे मान लिया तुमने .. मेरे हौसलें , मेरे जूनन कुछ कर गुजरने…
October 13, 2023 “महबूब” ना तेरा साथ मिला ना ही तू हमसफर बना कुमारी किर्ती अमृता आशा साथ थे हम कभी ये बाते अब पुरानी है..सपने बहुत से थे मेरेकी बितानी तेरे संग ये ज़िंदगानी है.. पर ना तेरा साथ मिला …
October 6, 2023 एडजस्टमेंट की उम्मीद सिर्फ लड़कियों से ही क्यों ..कुमारी किर्ती अमृता आशा आये भले ही उसको नंबर कम,तुम हो जाओ जिला टॉपरपर फर्क नहीं पड़ताक्यूंकि तुम लड़की हो, स्कूल से घर आते वक़्तअनजाना डर,कॉलेज पहुंच गयीजॉब…