बलात्कार… दुष्कर्म. दिनेश कुमार पांडेय (बीनू) जी की दिल छू जाने वाली कविता

फट रही है धरती.. पापियों तुम्हारे पाप से  मां की योनि दुस्कृत हुई  दुस्कृतियों जैसे लाल से… पैदा वेश इंसान में हुआ था..  कृत्य जानवर…